द फॉलोअप टीम, रांची:
सूबे के पूर्व मंत्री, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने आरोप लगाया है कि गांव और गरीब से संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने में हेमंत सरकार पूरी तरह विफल है। मीडिया से उन्होंने आज
कहा कि पिछली भाजपा सरकार में आवास विहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए 1 लाख 57 हज़ार रुपये दिये जाते थे। जिसमें मनरेगा के तहत अभिसरण के माध्यम से 90/95 मानव दिवस सृजित कर मजदूरी का भुगतान किया जाता था। जेएमएम-कांग्रेस- राजद गठबंधन की सरकार बने 2 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। सरकार गठन के पूर्व जनता के लिए किए गए चुनावी वादों पर राज्य सरकार ने एक कदम भी कार्य नहीं किया है। प्रेस वार्ता में डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया एवं मीडिया सह प्रभारी योगेंद प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
रघुवर सरकार की गिनाईं उपलब्धियां
मुंडा ने कहा कि आवास विहीन विधवाओं को प्राथमिकता के तौर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास उपलब्ध कराने हेतु यह योजना चलाई गई। जिसके तहत रघुवर सरकार द्वारा करीब 19000 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई परंतु वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण राशि में 50 हजार की अतिरिक्त राशि को जोड़कर दिए जाने की घोषणा की थी।यह घोषणा अब तक घोषणा ही बनकर रह गई है। रघुवर सरकार के समय मनरेगा के क्षेत्र में सरकार द्वारा उस वक्त ऐसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया गया जिससे ग्रामीण जनता लाभान्वित हो जैसे उन्हें रोजगार प्रदान करना एवं साथ ही साथ संपत्ति बना कर देने का कार्य किया जैसे तालाब,डोभा निर्माण इत्यादि। बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत लाभुकों को 5000 एकड़ टांड भूमि में आम बागवानी का कार्य किया गया।
तब और आज के दौर की तुलना
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा नाबार्ड से संचालित 15 जिलों में 29 जल छाजन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया गया था जिसे वर्तमान सरकार ने एजेंसी चयन का कार्य भी नहीं किया एवं इसे लगभग बंद कर दिया गया है। जल छाजन मिशन योजना के तहत भाजपा सरकार ने वर्षा के पानी को खेत में ही रोकने के लिए ट्रेंच कटिंग का कार्य किया गया। जिसके फलस्वरूप लगभग 1 लाख 58000 एकड़ भूमि सिंचित किया गया। लेकिन वर्तमान सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है साथ ही साथ नाबार्ड से संचालित करीब 29 जल छाजन योजनाओं के लिए अभी तक एजेंसी का चयन नहीं कर पाई है इन योजनाओं का कार्य अभी तक अधूरा या लगभग बंद है।उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत त्रिस्तरीय सरकार की व्यवस्था के तहत एक गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए जिसमें 13वीं एवं 14वीं वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार द्वारा सीधे पंचायत में पैसा भेज दी जाती थी जिससे गांव के विकास की योजनाएं क्रियान्वित हुई।
राज्य के 38432 आंगनबाड़ी केंद्र को राशन 6 महीनों से बंद
पंचायती राज व्यवस्था का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा विगत 5 वर्षों में लगभग 23000 किलोमीटर ग्रामीण पथों का निर्माण कराया गया। भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्षों में लगभग 600 पुलों का निर्माण कराया गया परंतु वर्तमान सरकार द्वारा सभी विकास के लिए आवश्यक कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य सड़कों एवं पुल पुलिया निर्माण की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का गांव के विकास पर ध्यान ही नहीं है और ना ही इसके लिए सरकार के पास कोई विज़न नही न पर्याप्त बजटीय प्रावधान है। इससे साफ पता चलता है कि गांव के विकास के प्रति राज्य सरकार सकारात्मक सोच नहीं रखती है। उन्होंने कहा की टेक होम राशन योजना के तहत राज्यभर के 5000 ग्राम संगठनों द्वारा राज्य के 38432 आंगनबाड़ी केंद्र को राशन पहुंचाने का कार्य पिछले 6 महीनों से बंद है। जिससे आंगनबाड़ी केंद्र के सभी लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित है। यह अत्यंत गंभीर मामला है जो आंगनबाड़ी केंद्र के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैया को दर्शाता है।